भारतीय संविधान की प्रस्तावना -preamble of the indian constitution
हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई0 (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हजार छह विक्रमी) को एतदद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
भारतीय संविधान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य – important facts about the Indian Constitution
- भारत ने संविधान (constitution) को 26 नवम्बर 1949 को पारित किया था तथा सम्पूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ
- भारतीय संविधान (constitution) का पिता डॉ भीमराव अम्बेडकर (Dr BR Ambedkar) को कहा जाता है
- वर्तमान संविधान (constitution) 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां है
- संविधान (constitution) सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई थी
- संविधान (constitution) के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था
- भारतीय संविधान (constitution) 22 भागों में विभाजित है
- संविधान (constitution) सभा की अन्तिम बैठक 24 नवम्बर 1949 को हुई थी
- भारतीय संविधान (constitution) विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है
- संविधान (constitution) सभा के अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा तथा स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को नियुक्त किया गया था
- भारतीय संविधान (constitution) का जनक डॉ भीमराव अम्बेडकर को माना जाता है क्यूंकि डॉ भीमराव अम्बेडकर (Dr BR Ambedkar) की अध्यक्षता में ही भारतीय संविधान के प्रारूप का निर्माण हुआ था
- संविधान (constitution) सभा का अंतिम अधिवेशन 24 जनवरी 1950 को हुआ था
- संविधान( constitution) सभा ने राष्ट्र ध्वज तिरंगा का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया था
- 24 जनवरी 1950 को संविधान (constitution) सभा में रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित जन-गन-मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया था
- बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा रचित वन्देमातरम भारत के राष्ट्रगीत के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था
- 26 जनवरी 1950 को संविधान (constitution) सभा ने सारनाथ स्तिथ अशोक स्तम्भ के शीर्ष की अनुक्रती को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया
- भारत ने सरकारी उद्देश्य के लिए 22 मार्च 1957 को राष्ट्रीय पंचांग को अपनाया भारतीय राष्ट्रीय पंचांग शक संवत पर आधारित है
भारतीय संविधान के स्त्रोत – Sources of the Indian Constitution
- भारत का संविधान (constitution) विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसलिए भारतीय संविधान को उधार का थैला भी कहा जाता है आइये जानते हैं भारत के संविधान के मुख्य
- ब्रिटिश संविधान (constitution) से – संसदीय शासन प्रणाली ; विधि निर्माण प्रक्रया एवं एकल नागरिकता
- दक्षिण अफ्रीका के संविधान से – संसोधन प्रणाली
- कनाडा के सविधान (constitution) से –संघीय व्यवस्था , केन्द्रीय सरकार के अधीन अवशिष्ट शाक्तियां
- अमेरकी संविधान से – प्रस्तावना मूल अधिकार , सर्वोच्च न्यायलय , न्यायिक पुनरवलोकन , राष्ट्रपति के अधिकार एवं कार्य , उपराष्ट्रपति की स्थति तथा संसोधन प्रणाली
- ऑस्ट्रेलियायी संविधान (constitution) से – प्रस्तावना की भाषा , समवर्ती सूची एवं केन्द्र – राज्य संबन्ध
- जर्मनी के वाईमर संविधान (constitution) से – राष्टपति के आपातकालीन अधिकार
- जापानी संविधान (constitution) से – कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया तथा शब्दावली
- रुसी संविधान (constitution) से – मौलिक कर्तव्य
- फ्रांसीसी संविधान से – गणतंत्र
- आयरलैण्ड के संविधान(constitution) से – राज्य के नीति निदेशक तत्व , राष्टपति के निवार्चन मंडल , राज्यसभा के 12 सदस्यों का मनोनयन
- गवर्मेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट से – 1935 इस अधिनियम के लगभग 200 अनुच्छेद प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय संविधान(constitution) से मिलते जुलते है
भारतीय संविधान के मूल कर्तव्य -fundamental duties of the indian constitution
- संविधान का पालन करे और उस के आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे
- स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उन का पालन करे
- भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे
- देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे
- भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है
- हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उस का परिरक्षण करे
- प्राकृतिक पर्यावरण की, जिस के अंतर्गत वन, झील नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उस का संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे
- सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिस से राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले
- यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा का अवसर प्रदान करे